आयोग की गतिविधियां
1.व्हाट्सऐप नम्बर की सुविधा- नवीन आयोग के गठन के पश्चात् मा. अध्यक्ष के निर्देशानुसार सर्वप्रथम आयोग में
प्राप्त होने वाली शिकायती प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्यवाही एवं उनका शीघ्र निस्तारण कराये जाने के
उद्देश्य से दिनांक 29.08.2018 को आयोग में व्हाट्सऐप नम्बर (6306511708) की सुविधा सृजित कर नम्बर प्रसारित किया गया,
प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पीड़ित महिलाएं शीघ्र एवं अत्यन्त सुगमता से आयोग को अपना शिकायती प्रार्थना पत्र प्रेषित कर रही है।
व्हाट्सऐप के माध्यम से महिला उत्पीड़न से सम्बंधित प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों पर आयोग द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर सम्बन्धित
जनपद के सक्षम अधिकारियों को जांच/आवश्यक कार्यवाही हेतु आदेशित कर उन पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।
2.आयोग मुख्यावास पर नियमित सुनवाई- आयोग में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्यवाही
कराने एवं पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से सप्ताह के समस्त कार्य दिवसों में मा. अध्यक्ष के निर्देशानुसार मा. सदस्यों के
पृथक-पृथक दिवस निर्धारित कर नियत दिवसों पर प्रकरणों की सुनवाई कर शीघ्र निस्तारण कराया जाता है।
3.स्थलीय जनसुनवाई (प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय बुधवार)-
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प्रदेश की महिलाओं के उत्पीड़न सम्बन्धी शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु आयोग के मा. पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश के
समस्त जनपदों में प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय बुधवार को स्थलीय जनसुनवाई के कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं।
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जनसुनवाई में उपस्थित आवेदिकाओं के प्रकरणों को जनपद के प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी, महिला थानाध्यक्ष एवं
महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न विभागों के जनपदीय अधिकारियों की उपस्थिति में सुनवाई कर निस्तारित कराया जाता है।
4.विभिन्न जनपदों में संचालित विभिन्न गृहों का निरीक्षण- आयोग के मा. पदाधिकारियों द्वारा विभिन्न जनपदों में संचालित बालिका गृहों,
महिला अस्पतालों, महिला बन्दी गृहों एवं महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न गृहों का निरीक्षण कर संज्ञान में आयी कमियों को दूर करने के लिये सम्बन्धित
अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है एवं आवश्यकतानुसार शासन को सुझाव/संस्तुतियाँ भी प्रेषित की जाती है।
5.स्थलीय निरीक्षण- उ.प्र. राज्य महिला आयोग की मा. पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में घटित महिला उत्पीड़न
की गम्भीर घटनाओं का स्वतः संज्ञान लेते हुए पीड़िता/पीड़ित परिवार से भेंट कर आवश्यकतानुसार स्थलीय जांचोपरान्त सम्बन्धित अधिकारियों को त्वरित
कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाते हैं।
6.स्वतः संज्ञान-आयोग द्वारा प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर रोकथाम और पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये
जाने के उद्देश्य से मीडिया के विभिन्न माध्यमों (इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं प्रिन्ट मीडिया) पर प्रसारित/प्रकाशित होने वाली घटनाओं का स्वतः संज्ञान लेते
हुए आवश्यकतानुसार दूरभाष पर घटना की जानकारी प्राप्त करने के साथ ही सम्बन्धित जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर घटनाओं पर समुचित
कार्यवाही करने एवं पीड़िता को न्याय दिलाये जाने का प्रयास किया जाता है।
7. प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्र पर की जाने वाली कार्यवाही की प्रक्रिया-
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प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों पर मा. आयोग के आदेशानुसार सम्बन्धित जनपद के सक्षम अधिकारियों को पत्र/सम्मन प्रेषित कर आवश्यक कार्यवाही
उपरान्त जांच आख्या मंगाकर अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।
- आवश्यकतानुसार पक्षकारों की आयोग में उपस्थिति कराकर काउन्सलिंग के माध्यम से सुलह-समझौता कराकर प्रकरणों का निस्तारण कराया जाता है।
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आयोग को प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्र की पंजीकरण संख्या, कृत- कार्यवाही एवं प्रकरण के निस्तारण की सूचना पीड़िताओं को एस.एम.एस. के
माध्यम से दी जाती है।
- आयोग में तैनात महिला अधिवक्ताओं द्वारा उपस्थित पीड़ित महिलाओं को आवश्यकतानुसार निःशुल्क कानूनी परामर्श दिया जाता है।
8. आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम-
आयोग द्वारा प्रदेश की महिलाओं के लाभार्थ समय-समय पर विभिन्न विषयों पर गोष्ठी/सेमिनार एवं विभिन्न महिला
जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन विषय-विशेषज्ञों, गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कराया जाता है।
आयोग द्वारा आयोजित कराये गये कार्यक्रमों का विवरण-
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उ.प्र. राज्य महिला आयोग द्वारा दिनांक 29.11.2018 को श्री नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास (रजि.) नोयडा के माध्यम से जनपद
लखनऊ के (10) राजकीय बालिका इण्टर काँलेजों में सेनेटरी नैपकीन वेन्डिंग मशीन निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने का कार्यक्रम लखनऊ के
राजकीय बालिका इण्टर कालेज, गोमती नगर में डाँ. रीता बहुगुणा जोशी, मा. मंत्री. महिला कल्याण, उ.प्र. एवं श्रीमती स्वाती सिंह,
मा. राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), महिला कल्याण, उ.प्र. की उपस्थिति में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मा. अतिथियों/मा. पदाधिकारियों द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ कर जनपद के 10 राजकीय बालिका इण्टर कालेजों के प्रधानाचार्य
को छात्राओं के प्रयोगार्थ सेनेटरी नैपकीन वेडिंग मशीन एवं डिस्पोजल मशीन निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी। साथ ही मा. अतिथियों/मा. पदाधिकारियों द्वारा
कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता व महिला सशक्तिकरण हेतु जागरूक करते हुए समस्त
अन्य उपयोगी शासकीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी गयी।
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दिनांक 27.02.2019 को आयोग द्वारा ‘मानव तस्करी’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन डाँ. रीता बहुगुणा जोशी, मा. मंत्री,
महिला कल्याण, उ.प्र. एवं श्रीमती अनुपमा जायसवाल, मा. राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उ.प्र. एवं प्रदेश के विभिन्न आयोगों की मा. अध्यक्षों/मा.
सदस्यों, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष/वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रदेश के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया।
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उक्त कार्यशाला में जनपद गोरखपुर की स्वयं सेवी संस्था ‘मानव सेवा संस्थान’ के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रस्तुतीकरण देते हुए मानव तस्करी
के आयाम, चुनौतियां और मौजूदा प्रतिक्रियाएं के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी।
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दिनांक 24.07.2019 को आयोग द्वारा यूनीसेफ के तकनीकी सहयोग से कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लैंगिक समानता व बाल अधिकार विषय पर
राज्य स्तरीय आयोगों की एक दिवसीय परामर्शी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी मा. पदाधिकारियों, अतिथियों को
आयोजित कार्यशाला में सम्बन्धित विषयों की विस्तृत जानकारी व उनसे सम्बन्धित अधिनियम, वीडियो एवं उ.प्र. राज्य महिला आयोग सम्बंधी अधिनियम
पेनड्राइव में संकलित कर उपलब्ध कराते हुए विषय से सम्बन्धित बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक विचार-विमर्श किया गया।
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आयोग द्वारा दिनांक 28.08.2019 को आयोग द्वारा उ.प्र. राज्य महिला आयोग के सभागार कक्ष में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा एवं
सहायता हेतु चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाआं एवं "one stop Center" की संरचना से सम्बन्धित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
कर उपस्थित सभी गणमान्य पदाधिकारियों को विस्तृत जानकारी दिलायी गयी।
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दिनांक 27.11.2019 को आयोग द्वारा "पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (PCPNDT,ACT)" पर वात्सल्य संस्था के सहयोग
से एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन कर उल्लिखित विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी तथा उससे सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण
की दिशा में महिला आयोग की भूमिका हेतु मा. पदाधिकारियों को आगामी निरीक्षण में नियत बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिये जाने के सुझाव दिये गये।
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आयोग द्वारा दिनांक 11.02.2020 को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, उ.प्र. लखनऊ में "एक दिवसीय महिला जागरूकता कार्यक्रम" आयोजित कर
मा. मुख्यमंत्री जी, उ.प्र. के कर-कमलो से कार्यक्रम का शुभारम्भ कराया गया। जागरूकता कार्यक्रम डाँ. दिनेश शर्मा, मा. उपमुख्यमंत्री, उ.प्र.,
डाँ. महेन्द्र सिंह, मा. मंत्री, जल शक्ति, श्री सुरेश खन्ना, मा. मंत्री, वित्त संसदीय कार्य एवं चिकित्सा षिक्षा, उ.प्र. एवं श्रीमती स्वाती सिंह,
मा. राज्यमंत्री, महिला कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), उ.प्र. एवं मा. महापौर, लखनऊ एवं श्रीमती रेखा शर्मा, मा. अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग,
नई दिल्ली के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया।
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कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सुश्री ममता, कार्यक्रम समन्वयक, हमसफर स्वयं सेवी संगठन के माध्यम से
"घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम 2005" विषय पर प्रतिभागियों को प्रस्तीतकरण दिया गया, जिसमें उनके द्वारा घरेलू हिंसा के सम्बंध में
विस्तृत जानकारी देते हुए उसका परिचय, संरक्षण अधिकारियों, सेवा प्रदाताओं की शक्तियों और कर्तव्य, अनुतोषों के आदेश अभिप्राप्त करने की प्रक्रिया
आदि तथ्यों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी।
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कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में अन्तर्राष्ट्रीय साइबर सिक्योरिटी दिवस पर राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली, फेसबुक एवं साइबर पीस फाउण्डेशन
के संयुक्त तत्वाधान में "वी थिंक डिजीटल" (डिजीटल शक्ति) के द्वारा महिलाओं के विरूद्ध होने वाले साइबर क्राइम से बचाव हेतु एक कार्यशाला
का भी आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित महिलाओं व कालेज की छात्राओं को साइबर क्राइम की रोकथाम हेतु प्रशिक्षण दिया गया
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जागरूकता कार्यक्रम में प्रदेश की महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल के माध्यम से महिलाओं के
कल्याणार्थ चलायी जा रही योजनाओं का प्रदर्शन कर उनसे सम्बन्धित साहित्य का भी वितरण किया गया। उपरोक्त कार्यक्रम उ.प्र. राज्य महिला आयोग
की मा. अध्यक्ष, श्रीमती विमला बाथम, मा. उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह, मा. उपाध्यक्ष श्रीमती अंजु चौधरी व समस्त मा. सदस्यगणों के दिशा-निर्देशों
एवं सुझावों के अनुसार सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
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राष्ट्रीय महिला आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिनांक 02.03.2020 को जनपद लखनऊ में उ.प्र. राज्य महिला आयोग की मा. पदाधिकारियों
व आयोग के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं जनपद की महिलाओं व अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित आयोग कार्यालय पर प्रदेश की महिलाओं के लाभार्थ
आयोग परिसर से "पावर वाँक" कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
9.अन्य कार्य-
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प्रशिक्षण(इन्टर्नशिप)-
आयोग द्वारा विभिन्न विधिक विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को महिलाओं सम्बंधित विभिन्न विषयों पर
वर्ष में दो बार (01 जून से 30 जून तक एवं 01 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक) इंटर्नशिप कराये जाने के साथ ही छात्राओं द्वारा उनके किये गये कार्य को
आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के पश्चात प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं।
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आयोग से प्राप्त होने वाली शिकायती प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्यवाही कराने एवं उनका शीघ्र निस्तारण कराये जाने के उद्देश्य से आयोग द्वारा यू.पी.
डेस्को के माध्यम से आँनलाइन साँफ्टवेयर तैयार कराया गया, जिससे शिकायतकर्ता आँनलाइन माध्यम से शिकायत आयोग में दर्ज करा सकती है।
आँनलाईन साँफ्टवेयर द्वारा विभिन्न माध्यमो से प्राप्त आवेदक/आवेदिकाओं के शिकायती प्रार्थना पत्रों को आयोग में दर्ज कर उनके पंजीकरण संख्या,
कृत-कार्यवाही एवं प्रकरण के निस्तारण की सूचना उनके मोबाइल नं. पर SMS के माध्यम से प्रेषित की जाती है।
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साथ ही विभिन्न माध्यमों से प्राप्त आवेदक/आवेदिकाओं के शिकायती प्रार्थना पत्रों पर आयोग द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर
उन पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु सम्बन्धित जनपद के सक्षम अधिकारियों को आँनलाइन माध्यम से
सम्मन/पत्र प्रेषित किये जाने की सुविधा का प्रारम्भ किया जा रहा है।